मोहब्बत की दुनिया

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मोहब्बत की दुनिया


शुरू भी वही आखिर भी वही मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत, जिसने मोहब्बत की उसका दिल, दिमाग, जिस्म, रूह उसके नूर से चमक जाता है। जैसे आसमान में तारों के बीच चाँद मोहब्बत एक ऐसा अल्फाज (शब्द ) है जिसे दुनिया की किसी भी भाषा लैंग्वेज में define (परिभाषित) कर पाना मुश्किल है, जो मोहब्बत करता है, बस वही जानता है, मोहब्बत क्या है। मोहब्बत इंसान को बेहतर से बेहतर बना देती है। एक बार सच्ची मोहब्बत हो जाए फिर दुनिया में दिल ही नहीं लगता, बस उसके दीदार के लिए रूह बेताब रहती है, जब एक इंसान मोहब्बत में सब कुछ उसकी खुशी के लिए करने को तैयार रहता है, और अपने आप को कहीं खो देता है, बस उसका मिलन, दीदार ही जिंदगी का एकमात्र मकसद रह जाता है। दुनिया में सब एक दूसरे से जुदा है, फल, फूल, पत्ती, खुशबू, दरख्त, जानवर, पक्षी, इंसान, सय्यारे सब कुछ एक कायनात में अलग हैं, बस जो एक है, वो सिर्फ मोहब्बत है, जो एक दिल से दूसरे दिल में बहती है। अल आशिकु वल माशूक ला रानामु कुम कुम या हबीबी कम तनामु अल इश्कु वल मोहब्बतव ला यनामु कुम कुम या हबीबी कम तनामु ऊपर वाला वो हमसे कितनी मोहब्बत करता है कि उसने इतनी खूबसूरत दुनिया, कायनात हमारे लिए बनाई और एक प्यार करने वाला दिल बनाया, हम जिससे मोहब्बत करते हैं, उसकी जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकते वो भी अपने चाहने वालों को नजदीक रखता है। जमीन और आसमान, चाँद और सूरज भी आपस में बहुत मोहब्बत करते हैं, तभी तो कई सालों से उसके बनाए नियम के अनुसार हमें बड़े ही खूबसूरत सुबह और शाम देखने को मिलती है। चाँद और चकोर की मोहब्बत, सूरज और सूरजमुखी की मोहब्बत हम कई सदियों से देखते आ रहे हैं, और ता-कयामत देखते रहेंगे। मोहब्बत तो मोहब्बत है, और कुछ नहीं, इसके सिवाय इस दुनिया में कुछ नहीं, मोहब्बत यूं तो होती नहीं पर एक बार जब होती है तो असली मायने मोहब्बत के पता पड़ते हैं, मंजर की खूबसूरती पता पड़ती है, सारी कायनात ही मोहब्बत में समा गई हो ऐसा लगता है। जर्रा-जर्रा आपसे राफ्ता कायम कर रहा हो जैसे मोहब्बत की दास्तां सुनना चाहता हो, जिस दिल में एक बार मोहब्बत हुई वो इंसान, इंसान नहीं रह जाता आला दर्जे का इंसान बन जाता है, कुदरत के बनाए एक-एक जर्रे को मोहब्बत की नजर से देखता है, बस उसे वो ही वो नजर आता है जिससे वो मोहब्बत करता है। उसका दिल-दिमाग, रूह, सांसें जैसे अटक जाती हैं। एक नज़र पाने के लिए, सुनने के लिए, देखने के लिए, जब मोहब्बत उसे सुनाई, दिखाई नहीं देती, वो अपने दिल से सुनता है, देखता है और मोहब्बत में खो जाता है वो अकेले मोहब्बत में खो जाता है वो अकेले मोहब्बत की दुनिया में जीता है, जब वो आसमान देखता है, तब लगता है ये बादल उन्हें भी छांव देकर आ रहे होंगे, जब हवा चलती है, तब लगता है, उन्हें छूकर आ रही है जब लहराते दरख्तों की तरफ देखता है हर पत्ता बातें करता नजर आता है, हर फूल उनके प्यार के नग़में सुनाता है, जब मिट्टी पर पैर रखते हुए आगे बढ़े होंगे, दिल दिन-रात उनकी हिफाजत और सलामती की दुआ करता है। जब पानी की लहरों को देखता है, तब दिल में उमड़ते जज्बात ऊँची-ऊँची लहरों की तरह चलते रहते हैं, पक्षियों की चहचहाट सुबह शाम जब होती है, तब लगता है उनकी शान में कसीदे गा रहे हों । चारों और सिर्फ मोहब्बत ही मोहब्बत नजर आती है, मोहब्बत की कोई शक्ल नहीं होती कोई सूरत नहीं होती, बस मोहब्बत तो मोहब्बत होती हैशेख निलोफर पटेल 20/1 प्रिंस यशवंत रोड पंढरीनाथ थाने वाली बांस गली इन्दौर 452007 (म.प्र.)